चार धाम यात्रा

यमुनोत्री धाम

यमुनोत्री धाम, उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित, यमुना नदी का स्रोत है और देवी यमुना का निवास स्थल है. यह चारधाम यात्रा का पहला धाम माना जाता है और हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है.

यमुनोत्री धाम का महत्व:

  • यमुनोत्री धाम से ही यमुना नदी निकलती है,यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है,यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है, जहाँ लोग देवी यमुना के दर्शन करते हैं,यमुनोत्री धाम सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है, जिसमें हिमालय की चोटियाँ और जंगल शामिल हैं!
  • मंदिर के पास सूर्य कुंड नामक एक गर्म झरना है, जहाँ लोग स्नान करते हैं,यमुनोत्री पहुंचने से पहले, श्रद्धालु जानकी चट्टी में रुकते हैं, जहाँ एक प्रसिद्ध तापीय झरना भी है,
  • यमुनोत्री धाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.

गंगोत्री धाम

गंगोत्री का अर्थ है "गंगा का स्रोत" या "गंगा का उद्गम स्थल"। यह गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री हिमानी के पास उत्तरकाशी जिले, उत्तराखंड में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है. गंगोत्री, चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण भाग है.

गंगोत्री के बारे में अधिक जानकारी:

गंगोत्री हिमानी से भागीरथी नदी का जन्म होता है, जो बाद में अलकनंदा नदी से मिलकर गंगा नदी बनती है,गंगोत्री एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है, जहाँ लोग गंगा नदी के स्रोत का दर्शन करने आते हैं,
गंगोत्री में एक मंदिर है, जो देवी गंगा को समर्पित है, गंगोत्री से 19 किलोमीटर दूर गौमुख नामक स्थान पर गंगा नदी का स्रोत माना जाता है!

  • गंगोत्री, भारत के उत्तरकाशी जिले में स्थित है!

केदारनाथ धाम

केदारनाथ धाम, जिसे भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर के रूप में जाना जाता है, उत्तराखंड में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चार धाम यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है।

बद्रीनाथ धाम

बद्रीनाथ धाम में दान का विशेष महत्व है। भक्त यहां साधु-संतों को कपड़े, धन और अन्य वस्तुएं दान करते हैं. ब्रह्मकपाल तीर्थ में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है, ऐसा स्कंद पुराण में उल्लेखित है.

बद्रीनाथ धाम में दान का महत्व:

  • साधु-संतों को दान:
    बद्रीनाथ धाम में साधु-संतों को दान देना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य माना जाता है.
  • ब्रह्मकपाल तीर्थ में पिंडदान:
    पितरों की मुक्ति के लिए ब्रह्मकपाल तीर्थ में पिंडदान किया जाता है, जो गया से आठ गुना अधिक फलदाई माना गया है.
  • दान का महत्व:
    भगवान विष्णु तपस्या की मुद्रा में यहां विराजमान हैं, जिससे दान और ध्यान का विशेष महत्व है.
  • धनदान:
    भक्त यहां पूजा अर्चना करने के बाद साधु-संतों को धन दान करते हैं, और कई धनाढ्य लोग भी ऐसा करते हैं.
  • अन्य वस्तुएं:
    फलों, फूलों, वस्त्रों, और अन्य वस्तुओं का भी दान दिया जाता है

चार धाम यात्रा को पूरा करने का मार्ग: हरिद्वार – ऋषीकेश – बरकोट – जानकी चट्टी – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – हरसिल – गंगोत्री – घनसाली – अगस्तमुनि – गुप्तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट – बद्रीनाथ – जोशीमठ – ऋषीकेश – हरिद्वार

Note - यमनोत्री बस स्टैंड से यमनोत्री धाम व गौरीकुंड बस स्टैंड से केदारनाथ धाम तक (पैदल,घोड़े,पालकी, हेलीकॉप्टर) स्वयं का खर्चे से ही रहेगा।

Phone: 8003530256, 9352530256

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