दो धाम यात्रा
केदारनाथ धाम
केदारनाथ धाम, जिसे भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर के रूप में जाना जाता है, उत्तराखंड में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चार धाम यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है।
बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ धाम में दान का विशेष महत्व है। भक्त यहां साधु-संतों को कपड़े, धन और अन्य वस्तुएं दान करते हैं. ब्रह्मकपाल तीर्थ में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है, ऐसा स्कंद पुराण में उल्लेखित है.
बद्रीनाथ धाम में दान का महत्व:
- साधु-संतों को दान:
बद्रीनाथ धाम में साधु-संतों को दान देना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य माना जाता है. - ब्रह्मकपाल तीर्थ में पिंडदान:
पितरों की मुक्ति के लिए ब्रह्मकपाल तीर्थ में पिंडदान किया जाता है, जो गया से आठ गुना अधिक फलदाई माना गया है. - दान का महत्व:
भगवान विष्णु तपस्या की मुद्रा में यहां विराजमान हैं, जिससे दान और ध्यान का विशेष महत्व है. - धनदान:
भक्त यहां पूजा अर्चना करने के बाद साधु-संतों को धन दान करते हैं, और कई धनाढ्य लोग भी ऐसा करते हैं. - अन्य वस्तुएं:
फलों, फूलों, वस्त्रों, और अन्य वस्तुओं का भी दान दिया जाता है
दो-धाम यात्रा को पूरा करने का मार्ग:- हरिद्वार – ऋषीकेश – देवप्रयाग - रुद्रप्रयाग - अगस्तमुनि – गुप्तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट – बद्रीनाथ – जोशीमठ –विष्णु प्रयाग - नंदप्रयाग - कर्णप्रयाग - धारादेवी मन्दिर - ऋषीकेश – हरिद्वार
Note - गौरीकुंड बस स्टैंड से केदारनाथ धाम तक (पैदल,घोड़े,पालकी, हेलीकॉप्टर) स्वयं का खर्चे से ही रहेगा।
Phone: 8003530256, 9352530256